"fb:pages" content="183980025505256" /> Spiritual and modern life: मन्त्र, वेद, पूजा पाठ ,और नाम जप लिए फिर भी दुखो से क्यों मुक्ति नही मिल रही है?

सोमवार, 23 अक्टूबर 2017

मन्त्र, वेद, पूजा पाठ ,और नाम जप लिए फिर भी दुखो से क्यों मुक्ति नही मिल रही है?

           
          ।। भुक्ति मुक्ति प्रदम् पुत्र पौत्रादिकम तथा धन                            धन्यादिकम सर्व लभते तेन निश्चितम् ।।

         भगवान शिव जी माँ पार्वती जी से कहते है, हे! पार्वती प्रभु का नाम(बीज मन्त्र) का जप करने से भक्ति, मुक्ति, पुत्र, पौत्र,धन ,सम्पदा,यश,वैभव आदि सब कुछ मिलता ।ये निश्चित            फल मिलता है,ये भगवान शिव जी कहते है।
 लेकिन आज हम जब मंत्रो ,वेंदो में वर्णित प्रभु के नाम का पाठ, जप करते है,जैसा की हमारे ग्रंथों ,शास्त्रो, पुराणों या कही और महिमा कही गयी है,की ये जप या पाठ करने से ये फल मिलता है,लेकिन हमे ओ लाभ ,कृपा उनती नही मिलती जितना की ग्रंथों ,वेदों ,पुराणों में बताई गयी है। इसका क्या कारण हैं,
                इसका क्या कारण है,जब गंगा जी में स्नान या डुबकी लगाने से पापों से मुक्ति नही मिल पाती है या उतना फल क्यों नही मिलता जितना मिलना चाहिए? यदि गंगा जी में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल गए तो आपकी हमारी दुःख ,तकलीफ क्यों दूर नही होती या नही हुयी। कुछ लोग तो गंगा जी में डुबकी लगने से ठीक हो जाते है। लेकिन90 percent ठीक नही होते। क्या माँ गंगा में कमी है? या हम सब मे कमी है?
  •           इसका 1.# कारण है की ओ व्यक्ति person जो ठीक नही हो रहा है, ओ महा पापी है,उस व्यक्ति ने जघन्य अपराध किये है। दूसरा कारण हम तप करना भूल गए है,  "तपो राज् राजो नरक" तप करने से हमे राज मिलता है। और उसी तप को भूलने से नर्क मिलता है। तप का मतलब  'भगवान का नाम'  जपने से है।  इसका 2.#  कारण है की हमारी जो पुरातन सनातन संस्कृति(भगवान का नाम) है,उसे हम भूल गए है mordenबनने के चक्कर में हम western culture के पीछे पागलो की तरह घूम रहे है। western culture कोई बुरी नही है,उसने हमे विकास दिया हैं, science, खोजे,technology दी है। लेकिन गलती ये है कि हम अपने culture( दिव्य बीज मन्त्र) को भूलते जा रहे है उसे ओ सम्मान नही दे रहे है । ये मन्त्र क्यों कार्य,कृपा नही करते क्योकि इनके जो निष्कीलान् password थे ओ खो गए है।जो इसको बताने वाले है वही निष्कीलान् मन्त्र नही जानते है । इसका यही मूल कारण है। जैसे की श्री दुर्गा सप्तशती है,उसे भगवान शिव जी ने Lock कर दिया है,बिना निष्कीलान् मंत्रो के दुर्गा सप्तशती कृपा नही करेगी।आपके काम नही होगे। भगवान ने क्यों लॉक किया क्योंकि जो भी ये मन्त्र पा जाता था उसका दुरूपयोग करने लगता था। "गंगा जी में स्नान करने के मन्त्र है और उनके निष्कीलान् मन्त्र है उनको करके स्नान करने का फल है"।                
       Conclusion           ॐ🌞  परमात्मा का नाम बोलने,जपने से सारी समस्याएं होती है,लेकिन हमने नाम भी जप लिया फिर भी ठीक नही हो रहे हैं, तो क्या हमे परमात्मा, प्रभु पर केस,आरोप कर देना चाहिए, ये समझने वाली बात है क़ि हमें जो भी परेसानी ,कष्ट या समस्या होती है, ओ हमारे ही कर्मो का फल होता है। ओ प्रभु ,परमात्मा है,मालिक हैं ओ तत्क्षण हमे पापों और हमारे बुरे कर्मो से मुक्त कर सकते है।लेकिन यदि कोई व्यक्ति ठीक नही होता हैं, तो उसका ठीक न होना ही "ठीक" अच्छा है, क्योंकि उसने जघन्य अपराध(स्त्री पर अत्याचार, लोगो को मरना,माता-पिता को भूल जाना,गौ को मरना आदि) बुरे काम किये होंगे।यदि वह व्यक्ति ठीक हो जायेगा तो फिर से वही बुरे कर्म करने लगेगा। लोगो को जीने नही देगा।
    🌞🎂🌹   लेकिन कितना भी पापी व्यक्ति हो,चाहे ओ जघन्य अपराध किये हो। भगवान शिव जी कहते है वह व्यक्ति इन दिव्य बीज मंत्रो का पाठ करने से घोर पाप से भी मुक्त free हो जाता है। तो भगवान शिव की शरण में क्यों नही जाते हो किसी ठग को पकड़ के बैठ जाते हो।जिसके बारे में ओ खुद ही नही जनता है। दिव्य बीज मंत्रो की महिमा है।
     

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