"fb:pages" content="183980025505256" /> Spiritual and modern life: दिव्या बीज मंत्र और गुरु (ancient traditional Secret science )

सोमवार, 23 अक्टूबर 2017

दिव्या बीज मंत्र और गुरु (ancient traditional Secret science )

              " भला हूँ चाहे बुरा हूँ साकी पर हूँ तेरा दीवाना
   प्राण-प्राण में डाले तुमने भरकर खाली पैमाना              
            यही हमारा जीवन है,अब यही हमारी जन्नत हैं
                   स्वर्ग लोक भी ठुकरा देगे पाने को
                       'मयख़ाना'(दिव्य बीज मन्त्र )"
             Ancient traditional Secret science:-         "जिस प्रकार किसी वस्तु, या किसी के होने का एक मूल होता,बीज होता है जिससे वह वस्तु उत्पन्न होती है, उसी प्रकार ये जो सम्पूर्ण संसार या ब्रम्हांड जिनसे उत्पन्न हुआ है उसे हम बीज मंत्र कहते है और इनके समान दूसरा इस जगत में नही है इसीलिए इन्हें दिव्य बीज मंत्र कहते है"।            
    दिव्य बीज मंत्रो से क्या हमे जीवन में क्या मिलता है क्या लाभ होता है, दिव्या बीज मन्त्र ऐसी कृपा है जिससे हमारे तन,मन,सांसारिक समस्याओं का बड़ी सहजता व सरलता के साथ दुःखो और समस्याओ का समाधान होता है। बाक़ी संसार में हम जो करते है उसमे जितना सुख मिलता है,उतना दुःख भी मिलता है, ये संसार का लॉ ,नियम है।लेकिन दिव्य बीज मंत्रो का जप करने से हमें लाभ ही लाभ है।
  •    गुरु और बीज मन्त्र  - दिव्य बीज मंत्रो को Ancient traditional Secret science भी कहते हैं।ये  बीज मन्त्र
  • कैसे कार्य करते है, बीज मन्त्र गुरु की कृपा से चलते है, दिव्य बीज मंत्रो का master मालिक भगवान शिव जी है ये उनकी आज्ञा से चलते है जैसे ट्रेन है तो वह पटरी में चलती है, कार ,वाहन हैं ये रोड सड़क पर चलते है उसी प्रकार ये दिव्या बीज मन्त्र गुरु की आज्ञा से चलते हैं।
  •             ये दिव्या बीज मन्त्र गुरु की कृपा से 
  •                           निष्कीलान्(unlock,decoding )
  •                           उत्कीलन(Excitement)
  •                     और परिहार (Avoidance )    करके इन दिव्या बीजमंत्रो का पाठ या जप करना चाहिए ,बिना निष्कीलान् ( unlock)के ये मन्त्र कार्य नही करते है,बिना password के ये मन्त्र न के बराबर है,
  • क्योकि इनका पासवर्ड ब्रम्ह ज्ञानी प्रभु के जिन्होंने दर्शन कर लिए है वही जानते है। " दिव्य बीज मंत्रो का पाठ करने पर आप के सरे काम होने लगेंगे।आप को अपने काम कराने के लिए किसी और के चक्कर नही लगाने पड़ेंगे।"
जैसे आयुर्वेदिक औषधिया है ये जितना वेदों ग्रंथों में वर्णन है उतना कार्य नही करती है, काठ(सुखी लकड़ी ) के समान है। क्यों कार्य नही करती ? क्योंकि इन आयुर्वेदिक दवाइयों को मन्त्र का पाठ करके दी जाती थी ।जो निष्कीलान् मन्त्र खो गए। अपनी संस्कृति को हम भूलने के कारण आज हमारी सबकी ये हाल दशा है ,जो भारत सचमुच महान हुआ करता था।               (दिव्या बीज मन्त्र आप भगवान श्री लक्ष्मी नारायण धाम से प्राप्त कर सकते है।cosmic Grace.org

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