"fb:pages" content="183980025505256" /> Spiritual and modern life: " भगवान हैं भी या नही "

सोमवार, 6 नवंबर 2017

" भगवान हैं भी या नही "

    जिस चीज के बारे में हम बात कर रहे या नाम जपने से ये होता है ओ होता है या ये व्रत करने से ऐसा होता है । इस दुनिया को बनाने वाला भी कोई है भी या नही । हमे तो नही पता। हम माता-पिता,बड़े बुज़ुर्गो या ख़ुद मंदिरो ,गुरुद्वारों द्वारो में जाते हैं और प्रणाम करके चले आते है। लेकिन मन में विचार आता है की भगवान है भी की नही जिसके बारे में हमने इनती लंबी चौड़ी कथाएँ सुनी है। यदि भगवान है भी तो कहाँ है हमे कहा मिलेगा । ये सारे प्रश्नों का क्या जवाब है?
                       भगवान बुद्ध से पूछा गया की प्रभु,भगवान् है तो उन्हों ने कहा नही है। तो इसका क्या मतलब है,कि प्रभु नही है,इसका मतलब है,कि " चीज़ ,वस्तु या व्यक्ति आज है तो कल नही रहेगा अथार्त् जिसका जनम है,उसकी मृत्यु भी है। आरंभ, (निर्माण) है,तो उसका अन्त भी है।" ये सभी जानते है परिवर्तन प्रकृति का नियम है। लेकिन परमात्मा होने और परिवर्तन दोनों सेे पार है।ये तो समस्त जगत को बनाने वालेे हैं।इसीलिए भगवान बुुद्ध ने कहा है कि भगवान नही है मतलब भगवान आज है तो कल नही रहेगा।लेकिन प्रभु सदा सर्वदा रहने वाले है।        
   
  1.                " भगवान शिव जो सदा रहने वाला है । श्री ब्रम्हा जो ब्रम्ह है जो फैला हुआ है और फैलता जा रहा है। भगवान विष्णु जो अणु अणु में व्याप्त है ओ विष्णु है।" ये तीन नही है एक है।
  2. इसी को कुरान पाक में कहा गया है,' ख़ुदा सरग है ' ख़ुदा साँस की नली जिससे हम सांस लेते है उससे भी पास है हमारे साथ ।
  3. इसी को jeasus ने कहा है GOD  G - Genetor O - operater D - Destroyer  इसी को कहते है।
                                  डॉक्टरों, ने साइन्स ने खोज करके देखा लिए बॉडी,में मृत शरीर में भी ,माइक्रो स्कोप से भी जाँच करके देख लिया लेकिन हमे कही और आत्मा, परमात्मा कही नज़र नही आया। इस तरह से मेडिकल साइंस और वैज्ञानिकों ने check ,टेस्ट जांच करके कहा दिया की भगवान नही है।इसीलिए पाश्चात्य जगत western culture हमारे पुराणों, ग्रंथों ,कथाओं को mythology kehte hai ओ सत्य नही मानते है। क्यों सत्य नही मानते क्योंकि प्रभु,परमात्मा उनके micro scope, या test की पड़ में नही आता है।
  •    भगवान ने कहा है मैं गुणातीत मैं गुणों, अवगुणों की पकड़ से पार हूँ, electron, newtron,proton,से पार हूँ। शब्दातीत हूँ Can not be expressed by words.पञ्च तत्वों (पृथ्वी,अग्नि,जल, वायु,आकाश)से पार हूँ।मुझे मन से भी नही समझा जा सकता। मैं एक औंकार हूँ।
  • अब अँधेरा सूरज की पकड़ में कैसे आएगा, ये समझने की बात है,सूरज का छिप जाना ही अँधेरा है,जब एक जायेगा (सूरज)तभी न दूसरा आयेगा(अँधेरा )। दोनों एक साथ थोड़ी न रह सकते है। साइन्स की जो खोजें है,machine,microscope है,ओ पंच तत्वों से बानी है। और प्रभु तत्वों से पार का नाम है। 
                       
                             Conclusion :

भगवान,ख़ुदा अल्लाह,God बिना पैर के चलता हैं , बिना कान के सुनता हैं, बिना हाथ के नाना(अनेक) कर्म करता हैं , बिना मुख के सभी रसों का भोग करता हैं जो प्रसाद चढाया जाता हैं मन्दिर मस्जिद गुरुद्वारों में जैसे धूप,दीप,प्रसाद और बिना वाणी के बोलता हैं जिसे इस्लाम में कहा गया हैं की ख़ुदा का कोई आकर प्रकार नही हैं। फिर मो0 साहब ने ख़ुदा से कैसे बात किया। ख़ुदा God भगवान बिनु बानी बकता बड़ जोगी बिना वाणी के बात करता हैं। जिसके बारे में कबीर साहब ने कहा हैं।
              बिनु पग चलै सुनै बिनु काना।
             कर बिनु करम करै विधि नाना।।
            आनन रहित सकल रस भोगी ।
              बिनु बानी बकता बड़ जोगी।।
प्रभु श्री कृष्णा जी ने भगवान ख़ुद अपने बारे में गीता में  अर्जुन से कहा हैं
              नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः ।
               न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः ।।
इस  परमात्मा (आत्मा) God ख़ुदा अल्लाह को शस्त्र काट नहीं सकते, आग जला नहीं सकती, जल गला नहीं सकता और वायु सूखा नहीं सकता ।


             

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